देश में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इसी बीच सरकार के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि केवल 6.39 प्रतिशत सक्रिय मामलों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत होती है। डाटा दिखाते हैं कि देश में महामारी अन्य देशों की तुलना में ज्यादा गंभीर नहीं है। भारत में वर्तमान में केवल 0.45 प्रतिशत मामलों को वेंटिलेटर की जरूरत होती है। वहीं वैश्विक तौर पर यह दर दो से तीन प्रतिशत है।

बुधवार तक लगभग तीन प्रतिशत मामलों में गहन उपचार प्रदान किया जा रहा था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि मरीजों के ठीक होने की दर में इजाफा हुआ है। मार्च के अंत में जहां यह दर 7.1 प्रतिशत थी, वहीं वर्तमान में यह बढ़कर 39.62 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने कहा, ‘यह एक सकारात्मक संकेत है कि 40,000 से अधिक पॉजिटिव मरीज ठीक हो गए हैं और अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या वैश्विक आंकड़ों की तुलना में बहुत कम है।’