भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के चलते चीनी मोबाइल कंपनियों का डर बढ़ गया है। इसको देखते हुए चीनी स्मार्टफोन निर्माता अपने विनिर्माण-संबंधित निवेश को रोक रहे हैं। इस संदर्भ में चीनी स्मार्टफोन निर्माताओं और उद्योग के अधिकारियों का कहना है कि भारत द्वारा 59 चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाने के बाद से वे घबरा गए हैं। कुछ कंपनियों को लगता है कि अगर यह स्थिति और खराब हुई तो अगली गाज उन्हीं पर गिरेगी।
ओप्पो और वीवो जैसे प्रमुख स्मार्टफोन निवेशकों ने अब तक भारत की महत्वाकांक्षी प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना के तहत आवेदन नहीं किया है। पहले ये कंपनियां इस योजना में रुचि दिखा रहीं थी। सरकारा की पीएलआई योजना के लिए एपल के लिए फोन बनाने वाली कंपनी फॉक्सकॉन और विस्ट्रॉन ने आवेदन कर लिया है। इनके अतिरिक्त डिक्सॉन, लावा और कार्बन जैसी घरेलू निर्माताओं ने बी आवेदन किया है। मालूम हो कि इस योजना के तहत आवेदन के लिए भारत सरकार ने मोबाइल कंपनियों को 31 जुलाई तक का वक्त दिया है।
इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के अनुसार, चीनी स्मार्टफोन कंपनियों के अधिकारियों ने कहा कि वे वर्तमान में लॉकडाउन के बाद बढ़ने वाली मांग को पूरा करने के लिए केंद्रित थे।