राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने रविवार को चीन के विदेश मंत्री और राज्य काउंसिलर वांग यी के साथ वीडियो कॉल पर बात की थी। इसके ठीक एक दिन बाद सोमवार को गलवां क्षेत्र में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी यानी पीएलए ने अपने कदम पीछे खींच लिए। सूत्रों का कहना है कि इतने दिनों से लगातार आक्रामक रुख अपनाए चीन का यह फैसला भारत के आक्रामक रुख को देखते हुए आया है।
सूत्रों के मुताबिक एलएसी पर चीन के पीछे हटने के कदम का एकमात्र कारण भारत का लगातार सख्त होता रुख है। अभी तक चीन को ऐसा पड़ोसी नहीं मिला है जिसने लगातार उसकी खिलाफत की हो और उसके आगे झुकने से इनकार कर दिया हो। इसके बाद भारत सरकार के चीनी एप्स को बैन करने के फैसले और सीमा पर सैनिकों और सैन्य साजोसामान में इजाफे के फैसले ने भी चीन पर दबाव बनाया। वहीं, डोभाल के सख्त रुख ने इसे अंतिम स्वरूप दिया।