विलासिता की जिंदगी जीने वाले और कुख्यात विकास दुबे के खजांची जय बाजपेई की रातें जेल में टहल कर कट रही हैं। उसे जेल की दाल-रोटी अच्छी नहीं लग रही है। इसलिए दिन में एक या आधी रोटी ही खा रहा है। फिलहाल उसे व उसके साथी प्रशांत को नए बंदियों के साथ 20 दिन के लिए अलग बैरक में क्वारंटीन किया गया है।

उसका साथी प्रशांत भी गुमसुम है। बिकरू गांव में दो जुलाई की रात कुख्यात विकास दुबे को गिरफ्तार करने गई पुलिस टीम पर हमला हुआ था। इसमें सीओ समेत आठ लोग शहीद हो गए थे। पुलिस की छानबीन में सामने आया था कि कानपुर का जय बाजपेई विकास की अवैध कमाई को व्यापार में लगा कर मदद करता था।