बोर्ड सूत्रों के मुताबिक बिहार बोर्ड के टॉपर्स को वेरिफाई करने की प्रक्रिया में बरती जा रही सतर्कता की वजह से रिजल्ट जारी करने में देरी हो रही है। बोर्ड आश्वस्त होना चाहता है कि कॉपियों के मूल्यांकन में टॉपरों ने अपने दम पर ही सर्वाधिक अंक हासिल किया है और किसी तरह का कोई कदाचार नहीं हुआ है। दरअसल, 2016 में इंटर के रिजल्ट में रूबी राय के टॉपर होने पर जो किरकिरी हुई थी उसके बाद से ही बिहार बोर्ड ने रिजल्ट जारी करने की प्रक्रिया में बदलाव किया था। अब एक बार कॉपियों का मूल्यांकन करने के बाद जो टॉपर्स चुने जाते हैं, उनकी कॉपियां जिलों से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के पटना स्थित मुख्यालय मंगवाई जाती है और विषयवार विशेषज्ञों की टीम गठित करके टॉपर्स की कॉपियां दोबारा चेक की जाती हैं।
विशेषज्ञों द्वारा टॉपर्स की कॉपियां चेक होने के बाद इन्हें पटना इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है। हालांकि, इस बार कोरोना लॉकडाउन की वजह से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए टॉपर्स के इंटरव्यू लिए गए हैं।