प्रदेश सरकार समाज के उपेक्षित वर्गों  में थर्ड जेंडर और विधवाओं को महत्वपूर्ण भौमिक अधिकार देने पर विचार कर रही है। इसके लिए राजस्व संहिता-2006 के प्रावधानों में कई महत्वपूर्ण अंश जोड़ने का प्रस्ताव है। इन प्रस्तावों का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने एक बार प्रजेंटेशन हो चुका है। सरकार कैबिनेट की अनुमति लेकर इन वर्गों को ये अधिकार देने की तैयारी कर रही है। राजस्व संहिता की धारा-4(10) में किसी भू-खातेदार के परिवार के सदस्यों को परिभाषित किया गया है।

वर्तमान में किसी भू-खातेदार के संबंध में परिवार का मतलब स्वयं पुरुष या स्त्री और उसकी पत्नी या उसका पति (न्यायिक रूप से पृथक पत्नी या पति से भिन्न), अवयस्क पुत्रों और विवाहित पुत्रियों से भिन्न अवयस्क पुत्रियों से है।
प्रस्तावित संशोधन द्वारा थर्ड जेंडर व्यक्ति को भी भू-खातेदार के सदस्य के रूप में शामिल किया जा रहा है। इससे थर्ड जेंडर व्यक्तियों को भी भौमिक अधिकार तथा उत्तराधिकार प्राप्त हो सकेगा। इसे बड़े सामाजिक सुधार के रूप में देखा जा रहा है।