आखिरकार इंतजार खत्म हो गया। फ्रांस से पांच राफेल लड़ाकू विमान भारत के लिए उड़ान भर चुके हैं। 7364 किलोमीटर की हवाई दूरी तय करके ये पांचों लड़ाकू विमान बुधवार को अंबाला एयरबेस पहुंचेंगे। फ्रांस से 36 विमानों को लेकर समझौता हुआ है और यह उसकी पहली खेप है। एलएसी पर चीन की चालबाजियों और एलओसी पर पाकिस्तान की नापाक हरकतों को करारा जवाब देने के लिए ये विमान भारत की ताकत में इजाफा करेंगे। माना जा रहा है कि अगले हफ्ते इन्हें चीन सीमा पर तैनात किया जा सकता है।

राफेल लड़ाकू विमान पिछले कई वर्षों से भारतीय राजनीति के केंद्र में रहा। लोकसभा चुनावों में यह विपक्षी दलों का मुद्दा भी था। हालांकि केंद्र सरकार आरोपों को सिरे से खारिज करती रही है। सरकार का दावा है कि वायुसेना को मजबूत बनाने के लिए इस सौदे को जल्दी पूरा करना जरूरी था। अब दो दिन बाद यह भारतीय धरती पर लैंड करने वाले हैं।

राफेल विमान फ्रांस की डेसाल्ट कंपनी द्वारा बनाया गया 2 इंजन वाला लड़ाकू विमान है। ये युद्ध के समय अहम भूमिका निभाने में सक्षम है।
हवाई हमला, जमीनी समर्थन, वायु वर्चस्व, भारी हमला और परमाणु प्रतिरोध ये सारी राफेल विमान की खूबियां हैं।