जैसा की हम सबको पता है कि नई शिक्षा नीति आ चुकी हैं जिसके तहत 2030 तक शत-प्रतिशत बच्चों को स्कूली शिक्षा में नामांकन कराने का लक्ष्य है। इस नीति का उद्देश्य देश के हर बच्चे तक शिक्षा पहुंचना हैं। इसके अलावा राज्य स्कूल मानक प्राधिकरण में अब सभी सरकारी और निजी स्कूल शामिल होंगे। यह पहली बार होगा की सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में एक जैसे नियम लागू किये जायेंगें .इससे निजी स्कूलों की मनमानी और फीस पर लगाम लगेगी।
ग्रामीण, पिछड़े व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को पढ़ाई से जोड़े रखने के लिए स्कूलों में नाश्ता भी मिलेगा। अब तक मिड-डे मील में दोपहर का भोजन मिलता था। इसी साल से पौष्टिक नाश्ता दिया जाएगा। इसके अलावा शारीरिक जांच के आधार पर सभी बच्चों को हेल्थ कार्ड भी मिलेगा।
स्कूली शिक्षा की हर पांच वर्ष में समीक्षा
गुणवत्ता सुधारने के लिए स्कूली शिक्षा की हर पांच साल में समीक्षा होगी। वर्ष 2022 के बाद पैराटीचर नहीं रखे जाएंगे। यह नियम भी आया है की शिक्षकों की भर्ती भी कमसेकम होगी। रिटायरमेंट से पांच साल पहले शिक्षकों की नियुक्ति का काम केंद्र और राज्य शुरू कर देंगे। कूषि और स्वास्थ की पढ़ाई सामान्य विश्वविद्यालयों के साथ प्रोफेशनल संस्थान में छोटे कोर्स पर जोर होगा।