आजमगढ़। कस्तूरबा विद्यालय में दूसरे के नाम दूसरे स्थानों पर एक ही अभिलेख पर कई लोगों की ओर से नौकरी करने के अनामिका प्रकरण का खुलासा होने के बाद हड़कंप मचा है। जनपद में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय के बाद बेसिक शिक्षा विभाग और अब समाज कल्याण विभाग से संचालित विद्यालयों में भी कार्यरत शिक्षकों के अभिलेखों की जांच शुरू कर दी गई है। डीएम की ओर से गठित कमेटी में शामिल अधिकारियों ने बुधवार से जांच शुरू कर दी है।
कस्तूरबा और बेसिक शिक्षा विभाग के साथ ही समाज कल्याण विभाग के संचालित अनुसूचित विद्यालयों में भी फर्जीवाड़े के आरोप लगते रहते हैं। वर्तमान में कस्तूरबा विद्यालयों को प्रकरण उछलने के बाद अब समाज कल्याण विभाग में भी कार्यरत शिक्षकों की जांच के शासन की ओर से आदेश दे दिए गए हैं। सासन के निर्देश के बाद जिलाधिकारी ने एडीएम प्रशासन नरेंद्र सिंह, समाज कल्याण अधिकारी राजेश कुमार यादव और समाज कल्याण अधिकारी विकास विनोद सिंह की टीम का गठन किया है। टीम ने शुक्रवार से जांच शुरू कर दी है। शुक्रवार को कुल 15 शिक्षकों के अभिलेखों की जांच की गई। समाज कल्याण अधिकारी विकास विनोद सिंह ने बताया कि जनपद में समाज कल्याण विभाग से संचालित कुल 83 विद्यालय है। इसमें पांच को बंद कर दिया गया है।
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