प्रदेश में इन्फ्लूएंजा को लेकर नए सिरे से तैयारी शुरू हो गयीं है जिसके मद्देनजर अब गाइडलाइन तैयार की जा रही हैं। प्रदेश में एच3एन2 इन्फ्लूएंजा के मरीज निरंतर मिलते रहे हैं। यह सामान्य फ्लू की तरह है। यही वजह है कि इसे मौसमी इन्फ्लूएंजा का भी नाम दिया जा रहा है। इस बार इसके मरीजों की संख्या बढ़ने की सम्भावना है और इस खतरे से बचने के लिए अस्पतालों में दवाएं एवं बेड की व्यवस्था सुनिश्चित हो रही है। गंभीर बीमारी से ग्रसित एवं बच्चों को लेकर विशेष सावधानी बरती जाएगी।
इन्फ्लूएंजा में एच1एन1, एच3एन2 और विक्टोरिया के मरीज मिलते हैं। प्रदेश में एच1एन1 यानी स्वाइन फ्लू को लेकर विशेष सावधानी बरती जाती है, जबकि एच3एन2 को मौसमी इन्फ्लुएंजा के तौर पर जाना जाता है। विभिन्न राज्यों में इस बार एच3 एन2 के मरीजों की संख्या बढ़ने पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को सावधान भी कर दिया है।
मंत्रालय से जारी निर्देश के तहत प्रदेश में भी स्वास्थ्य महानिदेशालय ने सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों एवं अधीक्षकों को दवाओं के पर्याप्त इंतजाम, सांस रोग के इलाज से जुड़े उपकरण, इंटेसिव केयर यूनिट (आईसीयू) आदि की व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश जारी कर दिए हैं। यह सर्दी-जुकाम जैसा होता है। सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं।