श्रम सुधारों से जुड़ा पहला कानून ‘मजदूरी संहिता’ सितंबर तक लागू हो सकता है। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने विभिन्न पक्षों की राय जानने के लिये इसे सार्वजनिक किया है। संसद ने प्रत्येक कर्मचारी के लिये न्यूनतम मजदूरी निर्धारित करने तथा कामगारों के भुगतान में देरी जैसे मसलों के समाधान को लेकर पिछले साल अगस्त में संहिता को मंजूरी दे दी थी।
7 जुलाई को श्रम मंत्रालय ने जारी मसौदा नियमों को सरकारी राजपत्र में जारी किया। इस संदर्भ में श्रम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, ‘संहिता पर नियमों के मसौदे पर लोग 7 जुलाई से 45 दिनों के भीतर अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं। अगर सब कुछ ठीक रहा तो लोगों की प्रतिक्रिया पर विचार करने के बाद इसे सितंबर से क्रियान्वित कर दिया जाएगा।’