यूपी के बहुचर्चित मामलें लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ी से कुचल कर मारने का मामला अभी नए मोड़ पर है जिसमें मुख्य  आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर आज बुधवार को भी अटक गई। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई को 20 जनवरी तक के लिए टाल दिया है। आशीष मिश्रा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए याचिका दायर की है, जिसमें कोर्ट ने मिश्रा को जमानत देने से इनकार किया था।


सुप्रीम कोर्ट ने सत्र न्यायाधीश लखीमपुर खीरी की रिपोर्ट को भी देखा समझा जिसमें था कि इस मुकदमे को पूरा होने में पांच साल का समय लगेगा, क्योंकि मामले में 208 गवाह हैं। दरअसल, शीर्ष अदालत ने पिछली सुनवाई में निचली अदालत से जानकारी मांगी थी कि बिना दूसरे मुकदमों पर असर डाले इस केस का निपटारा कितने समय में हो सकेगा।  सुप्रीम कोर्ट में बताया है कि हिंसा के सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय हुए हैं।

 बीते वर्ष की 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हिंसा के दौरान आठ लोगों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी गई थी जिससे 8 किसानों की मौत हो गई थी, जब किसान उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इलाके के दौरे  का विरोध कर रहे थे। जिसमें चार किसानों को एक एसयूवी ने कुचल दिया था, जिसमें आशीष मिश्रा बैठे थे। घटना के बाद गुस्साए किसानों ने ड्राइवर और दो भाजपा कार्यकर्ताओं की पीट-पीट कर हत्या की थी।