उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को संविधान में संशोधन करके ‘इंडिया’ शब्द को बदलकर ‘भारत’ करने की मांग वाली याचिका पर दखल देने से इनकार कर दिया है। अदालत ने याचिकाकर्ता को अपनी रिट याचिका की प्रतिलिपि संबंधित मंत्रालयों को प्रतिनिधित्व के रूप में भेजने का निर्देश दिया है, जो उचित रूप से इसका प्रतिनिधित्व तय करेंगे।

इससे पहले मंगलवार को याचिका पर सुनवाई हुई थी। हालांकि मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे के अवकाश पर रहने के कारण मामले को स्थगित कर दिया गया था। देश की शीर्ष अदालत में दायर इस याचिका में कहा गया था कि संविधान के पहले अनुच्छेद में लिखा है कि इंडिया यानी भारत। ऐसे में यह प्रश्न उठता है कि जब देश एक है तो उसके दो नाम क्यों है? एक ही नाम का प्रयोग क्यों नहीं किया जाता है?