रुद्रप्रयाग  : भगवान केदारनाथ  मंदिर के गर्भगृह को लेकर बड़ी खबर जिसके चलते बाबा केदार के गर्भगृह की दीवारों को सोने की दीवार बनाने की बात कही गई है। खंभों, जलेरी और छत्रों पर भी सोने की परत चढ़ाई जाएगी। शासन से इस बात की इजाज़त के बाद बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने कार्य शुरू भी कर दिया है।  काशी विश्वनाथ और सोमनाथ मंदिर की तरह केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की चारों दीवारों पर सोने की परत चढ़ाई जाएगी। महाराष्ट्र के एक दानीदाता ने दो माह पूर्व बीकेटीसी से इस कार्य के लिए आग्रह किया था। इसके लिए समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय से बीते अगस्त में धर्मस्व एवं संस्कृति सचिव हरीश चंद्र सेमवाल को पत्र लिखकर शासन से अनुमति की भी मांग की थी। जिसपर दो दिन पहले शासन ने बीकेटीसी को अनुमति देदी है। अब मंदिर के गर्भगृह की दीवारों पर लगी चांदी की परतें निकाल दी गई है। अब स्वर्णमंडित करने के लिए दीवारों पर ड्रील का काम शुरू हो गया है।  इससे पहले वर्ष 2017 में एक दानीदाता के सहयोग से बीकेटीसी ने गर्भगृह की दीवारों पर चांदी की परत चढ़ाई गई थी जिसमें दो क्विंटल और तीस किलोग्राम से अधिक चांदी से गर्भगृह की जलेरी, छत्र को भी चांदी से परता गया था। 
केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की दीवारें स्वर्णमंडित किए जाने का तीर्थपुरोहितों ने विरोध किया है। तीर्थपुरोहितों का कहना है कि सरकार व बीकेटीसी मान्यताओं को हाशिए पर रख रही है। मंदिर की दीवारों पर जगह-जगह ड्रील से छेद किए जा रहे हैं जो धार्मिक रूप से अनुचित है। उन्होंने जल्द कार्य बंद नहीं करने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। 
तीर्थपुरोहितो की मंजूरी नहीं-
केदारनाथ बाबा के गर्भगृहँ को सोने की परत चढानें की बात के बाद इसको सिरे से ग़लत बताते हुए तीर्थपुरोहितों ने इसका विरोध किया है। आपदा से प्रभावित केदारनाथ में बीते आठ वर्ष से पुनर्निर्माण कार्य हो रहे हैं। परंपराओं और मान्यताओं को दरकिनार कर वहां कई कार्य किए जा रहे हैं जो गलत है। तीर्थपुरोहित आचार्य संतोष त्रिवेदी ने कहा है कि केेदारनाथ मंदिर पांडवकालीन है जिसका पुनरोद्धार आदिगुरु शंकराचार्य ने किया था लेकिन अब पुनर्निर्माण के नाम पर परंपराओं को भूल कर हो रहा है।

पहले गर्भगृह की दीवारों को चांदी से मढ़ा गया और अब सोने की परत चढ़ाई जा रही है। इसके लिए मंदिर की दीवारों पर जगह-जगह मशीनों से छेद किया जा रहा है।