भारतीय सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे पूर्वी लद्दाख की दो दिवसीय यात्रा से वापस दिल्ली लौट आए हैं। माना जा रहा है कि वे आज राजनीतिक नेतृत्व को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर ड्रैगन की करतूतों और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ जमीन पर स्थिति के बारे में बताएंगे।

पिछले दो दिनों से सेनाध्यक्ष नरवणे पूर्वी लद्दाख में पीएलए के साथ पॉइंट पर हुए गतिरोध के बारे में आकलन कर रहे थे। इसके अलावा उन्होंने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के साथ एलएसी पर सभी 65 बिंदुओं पर गश्त करने के लिए सैनिकों को निर्देश दिए हैं। पिछले एक हफ्ते में आईटीबीपी बटालियन के साथ तिब्बत थिएटर के लिए प्रशिक्षित विशेष बलों की अधिक बटालियनों को यह सुनिश्चित करने के लिए शामिल किया गया है कि पीएलए द्वारा किसी भी प्रयास को नाकाम कर दिया जाए।
ऐसा माना जाता है कि जनरल नरवणे राजनीतिक नेतृत्व को पीएलए की तैनाती और एलएसी पर उसके पॉश्चर के बारे में भी जानकारी देंगे। यदि मामला बिगड़ता है तो एलएसी पर पीएलए पॉश्चर के बारे में उनका आकलन राजनीतिक नेतृत्व के लिए महत्वपूर्ण होगा। सेनाध्यक्ष थल सेना प्रमुख, वायु सेना प्रमुख और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत के साथ वायु और समुद्र में भारतीय पॉश्चर अपनाने को लेकर भी विचार-विमर्श करेंगे