मानसून के प्रवेश करने के बाद से ही बिहार में बारिश और बाढ़ ने अपना कहर मचा रखा है। बिहार के गोपलगंज जिले में गंडक नदी पर 263 करोड़ की लागत से बना सत्तरघाट पुल टूटकर नदी में बह गया। नदी का जलस्तर बढ़ने और भारी बारिश के चलते पुल का एक हिस्सा टूट गया।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पुल का उद्घाटन पिछले महीने ही किया था। यह पुल महज 29 दिनों के भीतर ही नदी में समा गया। वहीं, इस पुल के ध्वस्त होने से चंपारण तिरहुत और सारण के कई जिलों का संपर्क टूट गया है।
सत्तरघाट मुख्य पुल से करीब एक किलोमीटर पूर्व सड़क के टूट जाने से छपरा, सीवान, गोपालगंज जिलों से मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, दरभंगा की ओर आने-जाने वाले वाहनों का परिचालन ठप हो गया है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि लगातार हो रही बारिश से सड़क दलदली हो गई थी। इस बीच बाढ़ के पानी से सड़क टूट गई है।
बताया गया है कि गोपालगंज में तीन लाख से ज्यादा क्यूसेक पानी का बहाव था। गंडक के इतने बड़े जलस्तर के दबाव के चलते इस पुल का एप्रोच रोड टूट गया, इस कारण यातायात बाधित हो गया है। यह पुल गोपालगंज के बैकुंठपुर के फैजुल्लाहपुर में टूटा है। इस महासेतु का निर्माण पुल निर्माण विभाग की तरफ से कराया गया था। साल 2012 में पुल निर्माण का कार्य शुरू हुआ और 16 जून 2020 को इस महासेतु का उद्घाटन किया गया।